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Hem Raj

Inspirational Others

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Hem Raj

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भगत सिंह

भगत सिंह

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भरी जवानी, हुई सगाई, देश प्रेम के खातिर ठुकराई थी।

 एसेंबली हाल में जाने खातिर, धर्म छोड़ दाढ़ी बनवाई थी।

 जान हथेली में लेकर जिसने, स्वतंत्रता की कसम खाई थी।

उस शहीद भगत की लोगों ने, हल्की सी कहानी सुनाई थी।


उस स्वतन्त्रता के महा कुम्भ में, तब बलिदानी रूहें नहाई थी।

छोटी बड़ी हर शहादत ने, मां भारती को आजादी दिलाई थी।

फांसी के फंदे पर हंसते - हंसते, काय जिसने लटकाई थी।

उस शहीद भगत की लोगों ने, हल्की सी कहानी सुनाई थी।


शोक हुआ जब इतिहास के पन्नों में, गाथा इनकी छुपाई थी।

जिनकी पीठ पर भारत मां ने, जीती आजादी की लड़ाई थी।

जंग - ए -आजादी के दरिया में कूद, जिसने प्यास बुझाई थी।

उस शहीद भगत की लोगों ने, हल्की सी कहानी सुनाई थी।


किसे मालूम था भारत भगत को, यूं चन्द वर्षों में भुलाएगा?

आजादी के नायकों की जगह, आक्रांताओं को पढ़ाएगा।

फिरंगी फितरत में डूब जमाना, भाई से भाई को लड़ाएगा।

सच को झूठ और झूठ को सच, कहकर सत्य को छुपाएगा।


जैसी पढ़ाई, वैसी ही आजमाई, जमाना भी तो आजमाएगा।

क्या सीखेगा जग जब स्कूलों में, छल-छद्म ही पढ़ आएगा?

जब मानव मानव का बैरी बन, स्वार्थ पर स्वार्थ अपनाएगा ।

सच को झूठ और झूठ को सच, कहकर सत्य को छुपाएगा।


भारत मां के इस वीर सपूत का, इतिहास जो सामने लाएगा।

मां भारती के श्री चरणों में वह, निज श्रद्धा सुमन चढ़ाएगा।

सभ्यता - संस्कृति और बलिदान छुपाकर, भारत पछताएगा।

सच को झूठ और झूठ को सच, कहकर सत्य को छुपाएगा।



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