यही हमारा नारा है
यही हमारा नारा है
लड़ी लड़ाइयां कई है अब तक,
थी इतिहास में तीर - तलवारों से।
सयासी लड़ाइयां लड़ी जाती है,
आज जाति - धर्म की तकरारों से।
अरे जागो भारतवासी आज तो,
समझो कि भारत देश हमारा है।
हिन्दू, मुस्लिम और सिख, ईसाई,
हैं सब भाई,यही हमारा नारा है।
कद्र करो अब इक दूजे की यारो,
किसी को जाति धर्म में मत बांटो।
जो बांट रहे हैं सिहासत के माहिर,
आओ मिलकर उनको सब डांटो।
आजादी से लेकर अब तक इन्होंने,
बारी बारी से खेल बस यही खेला।
ये करते रहे फैला कर नफरत राज है,
जाति धर्म के कहर को जनता ने झेला।
अखण्ड भारत की तस्वीर को यारो,
सिहासी बहकावों पर यूं मत तोड़ो।
देश बड़ा है जाति, धर्म और सत्ता से,
नफरत का ठीकरा देश पर मत फोड़ों।
टूटे भारत कई टुकड़ों में है साजिश,
संस्कृति पर भी तो हुआ है हमला।
हम फूल बने इस भारत फूलदान के,
हो हिंदुस्तान ही हम सबका गमला।
बिखरने न देना भारत देश को,
इनकी साजिश को नाकाम करो।
आओ तोड़ें ये नफरत की दीवारें,
मिल के एक दूजे में प्यार भरो।
