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AVINASH KUMAR

Drama

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AVINASH KUMAR

Drama

भेजा ही नहीं

भेजा ही नहीं

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एक पत्र लिखना था मुझको

सोचा पहले लिख लूं पत्र

जाने अनजाने में फिर 

ना जाने क्या क्या लिख डाला मित्र

 

ये शायद प्रेम था मेरा उसके लिए 

जो अब भी था गहरा मेरे हृदय में 

पत्र सोचा कैसे दूं


तो वो पत्र मैंने दिया नहीं

एक पत्र लिखा था तुम्हें 

पर अब तक दिया नहीं


हे मित्र तुम हो विचित्र

एक पत्र लिखा था तुमने

उसको तुमने भेजा ही नहीं।


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