भारत माता
भारत माता
भारत माता तुझ पर वारी कोटिक कंचन धाम रे।
हम सब बालक मिलकर करते तेरा ही यशगान रे।।
हिमगिरि तेरा हिमकिरीट है, सागर चरण पखारते
विंध्याचल, सतपुड़ा करते मिलकर तेरा सिंगार रे
हम सब बालक मिलकर करते तेरा ही यशगान रे।
गाँधी की धरती है तू ही, तू ही जननी गौतम की
तेरे आँचल में पले हैं आजाद, भगत, सुभाष रे
हम सब बालक मिलकर करते तेरा ही यशगान रे।
तेरे गर्भ में छिपी हुई है रत्न-राशि की विपुल संपदा
धरती तेरी सोना उगले, अन्न उपजाती गंगधार रे
हम सब मिलकर करते तेरा ही यशगान रे।
तू ही जननी, तू ही दाता, तू ही पालनहार है
मरकर तुझमें ही मिल जाएँ, मिले यही वरदान रे
भारतमाता तुझ पर वारी कोटिक कंचन धाम रे।
हम सब बालक मिलकर करते तेरा ही यशगान रे।।
