Ankita Srivastava
Classics
मुझको अपने भारत की
मिट्टी से अनुपम प्यार है।
इस मिट्टी से तिलक किया था
दशरथ नंदन राम ने।
इस मिट्टी पे गीता गाई
यदुकुल भूषण श्याम ने।
इस मिट्टी के आगे मस्तक
झुकता बारम्बार है।
मित्रवत व्यवह...
आसूँ
माँ
रंगीन मिज़ाज़
रंग तरंग
ज़िन्दगी
मोहब्बत
प्रणय
भारत की मिट्ट...
भारत की बेटी
विर्सजन का झलुस निकालो, "शकुन" अपने हृदय में गणपत बसा लो। विर्सजन का झलुस निकालो, "शकुन" अपने हृदय में गणपत बसा लो।
तिल तिल कर इस निज मन से, विश्वास कहीं टर लेता है। तिल तिल कर इस निज मन से, विश्वास कहीं टर लेता है।
राष्ट्र के सपनो की गगनचुम्बी उड़ान है हिन्दी। विविधता मे भी एकता की पहचान है हिन्दी।। राष्ट्र के सपनो की गगनचुम्बी उड़ान है हिन्दी। विविधता मे भी एकता की पहचान है ह...
क्या यह सरल सहज है कि इस तरह मैं अपने जमीर को मार दूँ। क्या यह सरल सहज है कि इस तरह मैं अपने जमीर को मार दूँ।
ऐसा ही मेरा साथ रहना हर जन्म मेरा पास तू, मेरा छोटा प्यारा भाई है तू.... ऐसा ही मेरा साथ रहना हर जन्म मेरा पास तू, मेरा छोटा प्यारा भाई है तू....
हिंदी में ही तो स्टोरी मिरर में लिखकर हम सब ने हैं पाई पहचान। हिंदी में ही तो स्टोरी मिरर में लिखकर हम सब ने हैं पाई पहचान।
ये गागर में सागर है और गुणों का आकर है, है ! हिंदी मातृभाषा तेरे शुभ दिवस पर तुम्हें ये गागर में सागर है और गुणों का आकर है, है ! हिंदी मातृभाषा तेरे शुभ दिवस पर ...
मुझे देखो मैं कितना ख़ुश हूँ तुम मेरी तरहा क्यों नहीं रहते हो। मुझे देखो मैं कितना ख़ुश हूँ तुम मेरी तरहा क्यों नहीं रहते हो।
स्त्रियों का मंगल गीत। इंद्रधनुषी रंगों से रंगी जीवन-फुलवारी। स्त्रियों का मंगल गीत। इंद्रधनुषी रंगों से रंगी जीवन-फुलवारी।
जब तक है सांस में सांस साया बनकर साथ मेरे तू चलना। जब तक है सांस में सांस साया बनकर साथ मेरे तू चलना।
बस एक यही है अभिलाषा। हिन्दी हो राष्ट्र भाषा। बस एक यही है अभिलाषा। हिन्दी हो राष्ट्र भाषा।
महफ़िल में आए ये लोग यहां चटकारे लेने बैठे हैं। महफ़िल में आए ये लोग यहां चटकारे लेने बैठे हैं।
मैं कभी उसके जगह पर थी, कल वो इस बात ख़फ़ा होगी। मैं कभी उसके जगह पर थी, कल वो इस बात ख़फ़ा होगी।
हर जगह हिंदी अपना वर्चस्व दिखाती हैं, भारत की शान ही हिंदी है।। हर जगह हिंदी अपना वर्चस्व दिखाती हैं, भारत की शान ही हिंदी है।।
चरणों मे अपने समाकर, शिवलोक तुम ले जाना।। चरणों मे अपने समाकर, शिवलोक तुम ले जाना।।
आज हुआ था आविर्भाव तप्तकॉंचनवर्णी श्रीराधा का। आज हुआ था आविर्भाव तप्तकॉंचनवर्णी श्रीराधा का।
देखिए भी प्यार का अंजाम मेरे शहर में। मिल रहा है काम का ईनाम मेरे शहर में। देखिए भी प्यार का अंजाम मेरे शहर में। मिल रहा है काम का ईनाम मेरे शहर में।
चश्मा, लाठी ले "शकुन", सारी दुनिया की सैर कर आया। चश्मा, लाठी ले "शकुन", सारी दुनिया की सैर कर आया।
सुनो मेरे जाना तुम मुझसे हमेशा हिंदी सा प्यार जताना। सुनो मेरे जाना तुम मुझसे हमेशा हिंदी सा प्यार जताना।
मैं झरने सा था कब सागर हो गया, नेह के बूंदों से सूखे कंठ हैं भिगो लेते। मैं झरने सा था कब सागर हो गया, नेह के बूंदों से सूखे कंठ हैं भिगो लेते।