मोहब्बत
मोहब्बत
सोचा है आज फिर उससे इज़हार कर दें हर एक लम्हे में हम प्यार भर दें सोचा है जी लें ज़िन्दगी का हर लम्हा उसके साथ उससे मोहब्बत का इक़रार कर दें
सोचा है आज मौके का दीदार कर दें हर एक लम्हें में हम प्यार भर दें
सोचा है आज देखें उन्हें जी भर के
ज़िन्दगी की सारी खुशियाँ उनको वार कर दें
सोचा आज फिर उससे इज़हार कर दें
सोचा है बोल दें अपने जीवन का फितूर बोल दें सच्चाई और बोल दे उसूल
सोचा है बोल दें वक़्त की नज़ाकत को अपने पन की आदत को मन के भेद खोल दें सोचा राज़ सारे खोल दें
सोचा आज उसका मन प्रेम से भर दें
सोचा मोहब्बत का इज़हार कर दें
सोचा है बोल दें मन की वो बात वो सुखद संवाद वो हसीन मुलाक़ात वो हर लम्हे के ज़ज़्बात वो हर पल की याद आज हम बोल दें मन के राज़ खोल दें सोचा आज जी भर के हम प्यार भर दें फ़िर से उससे आज हम इज़हार कर दें