ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
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मैं ज़िन्दगी,, तुम ज़िन्दगी,,ये ज़िन्दगी बे हिसाब है ।
जिन ख्वाबो में हम न हों वो बस यही बात सबका जवाब है ।
क्या सवाल है ?क्या बवाल है? क्या ज़िन्दगी का कमाल है
मैं जिंन्दगी;; तुम ज़िन्दगी ;;ये ज़िन्दगी बेमिसाल है ।
कहीं सच है कहीं फरेब है ,कहीं मौजों का करीब है
कहीं कोई आवारा फिरता है ;;कहीं प्यार का फ़साना गढ़ता है
कहीं अनुभवों का खेल है;; कहीं मौजों की रेल है
कहीं मौसम बेमिसाल है;; कहीं यारों का कमाल है
मैं ज़िन्दगी;; तुम ज़िन्दगी;; ये ज़िन्दगी बेमिसाल है।