भारत के लाल...... एक सलाम
भारत के लाल...... एक सलाम
स्वदेश की आन का प्रश्न
या रक्षण सामान्य जन का
परहित हेतु निस्वार्थ भाव से
तुम शूरवीर... साहसी प्रहरी
कष्ट दिन-रात उठाते हो !
परिवारजनों से कहीं दूर
सुख-चैन से रह कर वंचित
दुर्गम मरुस्थली सीमा हो
या अलंघ्य बर्फीला शिखर
जा डेरा बेधड़क जमाते हो !
आँख मात्र उठा कर भी
मातृभूमि की ओर अगर
देखा किसी दुस्साहसी ने
तज अपने प्राणों की चिंता
शत्रु को खदेड़ भगाते हो !
शांति के वैसे अनुयायी हो
रण संग्राम की आवश्यकता
परन्तु जब कभी आन पड़े
अपने कौशल के बल पर तुम
अप्रतिम पराक्रम दिखाते हो !
अभिनन्दन है हम सब का
तेरे इस अतुल्य समर्पण को
तिरंगे की लाज रखते-रखते
प्राण अपने न्योछावर करके
भारत के लाल कहलाते हो !