भारत का किसान
भारत का किसान
देखो ! ये है भारत का किसान
नहि है जीवन इसका आलीशान
यह धरती ही है उसकी माता
है हमारा वोह अन्नदाता
मिट्टी की खुश्बू है इसका इत्र
नही दिल में मेल मन है उसका पवित्र
चाहे धूप हो या ठंड
डटा रहता है हर मौसम
करता है मेहनत खूब
संयम भी है उसमें अखुट
कम पड़ जाये कीमती सोना
ऐसा है इसका बोया हुआ दाना
न समझे वो सरकारी कामकाज
पर उसके बिना हमारा पेट नही भरता आज
लहलहाती फ़सलों से भरा खेत देख
पक्षियों की सुनाई देती है चहक
कभी मेहनत बाद भी बर्बाद होती है फ़सल
जब कुछ ज्यादा ही रो देते हैं बादल
कहते हैं हर किसान है महान
फ़िर आत्महत्या करने पर क्यूँ है बेबस।
