बहार बनकर आईए।
बहार बनकर आईए।
शोख कलियों तुम भी ज़रा,
सा घूंघट भी सरका दीजिए।
मस्त फूलों ज़रा सा दिल को,
भी अब तो धड़का ही दीजिए।
बहारों के संग-संग अब ज़रा,
सा आप भी यूं ही हंसकर।
प्यार की उम्र भी ना अब,
इकरार करके बढ़ा दीजिए।
सुनो अपनी चंचल अदाओं से,
उदास दिल को भी हंसा दीजिए।
बस इतनी सी इनायत और करें,
अब आप हमारी जिंदगी में आईए।

