तृण तृण में छाई है बहार कण कण में लहराया बसंत।। तृण तृण में छाई है बहार कण कण में लहराया बसंत।।
मस्त फूलों ज़रा सा दिल को, भी अब तो धड़का ही दीजिए। मस्त फूलों ज़रा सा दिल को, भी अब तो धड़का ही दीजिए।
मस्त फूलों ज़रा सा दिल को, भी अब तो धड़का ही दीजिए मस्त फूलों ज़रा सा दिल को, भी अब तो धड़का ही दीजिए