भाई भाई लड़ रहे हैं
भाई भाई लड़ रहे हैं
भाई भाई लड़ रहे हैं, बांट रहे परिवार
लोग चुटकियाँ ले रहे, हँस रहे हैं यार
भाई भाई लड़ रहे हैं, बांट रहे परिवार
लैला मजनू कह रहे, ना ग़लती तोहार
फिर तू काहे छोट होवे, बता मेरे यार।।
घर घर का यही हकीक़त, घर ना रहा यार
देवर भाभी कहां मिले, जो अब बांटे प्यार
कलयुग में देखो जरा, देखो जरा संस्कार
अर्ध नग्न को फैशन कहें और करे प्रचार
लोग चुटकियां ले रहे, हँस रहे हैं यार।।
मिलना जुलना बंद हुआ, जब से हुआ संचार
रोग ग्रस्त जीवन हुआ, कैसे करेगा उपचार
आपस आपस लड़ रहे, घमंड में रहे हर यार
बुद्धि विवेक खो चुके हैं, कहां मिलेगा प्यार
लोग चुटकियाँ ले रहे, हँस रहे हैं यार।।
