STORYMIRROR

Smita Singh

Inspirational

4  

Smita Singh

Inspirational

भाग्य और कर्म

भाग्य और कर्म

1 min
376


कहते है भाग्य का खेल निराला होता है,

कर्मों की पतवार लिये, वक्त की नाव पर,

इंसान इसे चलाने वाला होता हैं।


ईश्वर की अजब लीला देखी, हमने इस खेल में,

देकर दिल और दिमाग, डाल दिया संसार रूपी जेल में,

वक्त की जमीं बन जाती है ,सुख दुःख का मेला,

भाग्य और कर्मों की जुगलबंदी में, जीवन नैया का रेला


कभी जो कोसो भाग्य को, पीछे पलट के भी देख लेना,

भाग्य निर्मित हुआ कहां से, ये भी परख लेना,

ईश्वर से शिकायतों का पुलिंदा, खोलने से पहले

बेहक लिया है जो तूने ऐ बन्दे! उसका हिसाब कर लेना।


कर्मों के इस सफर में, वक्त के साथ ईश्वर तुझे सराहेगा,

गर निश्छल है मन तेरा तो, भाग्य भी तेरा गुलाम हो जायेगा।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational