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dr vandna Sharma

Drama Tragedy

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dr vandna Sharma

Drama Tragedy

बगावत

बगावत

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क्यों नहीं सोच पाती लड़कियाँ

सिर्फ अपने बारे में


क्यों सुख ढूँढ़ती हैं वो,

पुरुष की अधीनता में


क्यों चाहिए पुरुष का कन्धा

दुःख हल्का करने के लिए


क्यों नहीं निकल पाती

इस चक्रव्यूह


क्यों नहीं नकार देती

पुरुषों का अस्तित्व


क्यों हर बार बस

हारकर खुश हो जाती है


ऐसा क्या है

जो उन्हें रोके रखता है


इस भ्रम की दुनिया से

बाहर नहीं आने देता


क्यों नहीं अलग दुनिया

बनाती अपने लिए


क्यों समपर्ण में ही

अपनी जीत समझती है


एक बार बगावत

करके तो देखे


काँप जाएगी ये दुनिया

नारी शक्ति से


नारी अबला नहीं

शक्ति है


फिर क्यों अनजान

रहती है खुद से


जिस दिन नकार दिया

नारी ने पुरुषों का अस्तित्व


प्रलय आ जाएगी

जीवन नष्ट हो जायेगा


त्राहि त्राहि करता

बेचारा पुरुष नज़र आएगा।।


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