बेवफा
बेवफा
अपनी कीमती आंसूओं को बेवजह यूं बर्बाद न कर
जो तुझ को भूलकर बैठा है तू भी उसे अब याद ना कर
जिसको तेरी कदर नहीं अब उसकी फिकर करना क्या
उसकी बेबुनियादी वादों को अब सोच के आहें भरना क्या
जो दिल को तेरे तोड़ गया, अंजान गली में छोड़ गया
उन कसमों का अब क्या करना तेरे पीठ के पीछे जो तोड़ गया
कर उन लम्हो को याद नहीं होठों पर रखना प्यास नहीं
जो चला गया न लौटेगा तू भूल ना जाना ये बात कहीं
जाना हैं जिनको जाएंगे ना मुफ्त मे जान गवाएंगे
उनके ख़ातिर अपना दिल दूखा कर अब है करना क्या
तू भूल जा उन एहसासों को उन भूली बिसरी बातों को
जिस रिश्ते मे अब जान नहीं उन बातों को अब दोहराना क्या
अच्छा है उसने छोड़ दिया अपने हाथों दिल तोड़ दिया
हम भी जी लेंगे उनके बिन जिसने साथ हमारा छोड़ दिया
हम भी ज़िद में कुछ कम नहीं जाने का उसके ग़म नहीं
हमने दिल में ठान लिया मुंह मोड़ लिया तो मोड़ लिया