बेवजह होते देखा है मैंने
बेवजह होते देखा है मैंने
प्यार बांटने वाला
प्यार को तरसते देखा है मैंने
हंसी बांटने वाला जोकर
कोने में रोता देखा है मैंने
खाना खीलाने वाला
भुखा सोता देखा है मैंने
लोगों को कपड़े सिलाई
कर के पहनाने वाला
फटे कपडे में शादी ब्याह में देखा है मैंने
लोगों की तनहाई दूर करने वाला
अक्सर तन्हा रहते देखा है मैंने
सबको जानने वाले को
कोई नहीं जान पता देखा है मैंने
महफिल में रौनक लगाने वाले को
बेनूर होते देखा है मैंने
सफाई करने वाले को
कचरे के ढेर पर सोते देखा है मैंने
स्कूल में दूसरे के बच्चों को पढ़ाने वालों के
बच्चे को अनपढ़ रहते देखा है मैंने
कफन सिलने वाले दर्जी को
बिना कफन के मरते देखा है मैंने
कबर खोदने वाले मजदुर को
अपनी कबर खोदने वाले का
इंतजार करते देखा है मैंने
मां की ममता बच्चों के लिए
गिले में मां को सोते देखा है मैंने
उसी मां को उसी लाल दवारा
बाहर धक्के मारते देखा है मैंने
वजह ढूंधने वालों को
बेवजह होते देखा है मैंने।।