बेटियां।
बेटियां।
बेटियां
मौसम सी होती है !
उनके होने से
घर में बहार रहती है
विदा होती है तो घर द्वार
सब पतझड़ कर जाती है !
बेटियां मौसम सी होती है !
बेटियां
बरक्कत सी होती है !
वो थोड़े में ही
गुज़ारा कर लेती है
मां बाप का दुख दर्द
वो जीवन भर समझती है !
बेटियां बरक्कत सी होती है !
बेटियां
देवियों के जैसी होती है !
वो अपनी प्रखरता से
सबको मोह लेती है
वो प्रेम स्नेह से
हर रिश्ते को जीती है !
बेटियां देवियां के जैसी होती है !
बेटियां
संपन्नता की प्रतीक होती है !
अपने निश्चल मन से
वो शौर्य वैभव घर में लाती है
आए जो विपत्ती कभी घर में
वो ढाल बनकर इनसे लड़ जाती है !
बेटियां संपन्नता का प्रतीक होती है!