बेटा बेटी में अंतर
बेटा बेटी में अंतर
जीजी आप अपने बेटों पर क्यों इतना इतरा रहीं हैं,
आजकल बेटियां भी बेटों से कम नहीं
ये क्यों नहीं समझ पा रहीं हैं?
आपका बेटा होनहार हो है दुआ ये ईश्वर से,
पर अपने बेटों की वजह से आप मेरी बेटियों को कोसो
ये हमें मंजूर नहीं।"
"हुंह बेटा बेटी बराबर ये सब है कहने की बात,
असल में तो होता है.."बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद..।"
समय अपनी गति से चला बेटा बेटी हुऐ बड़े मायेँ हो गईं बूढ़ी
बेटों की मां ने लाड़ प्यार से बेटों को अपंग बनाया था
छोटे से छोटे काम में चाहिए बूढ़ी मां का सहारा था।
इधर बेटियों की मां ने उन्हें स्वाभिमानी बनाया था,
अपना काम खुद करके दूसरों की मदद करना भी सिखाया था
आज फिर दोनों माएं अपने बच्चों को लेकर आमने सामने थीं,
कामयाबी बेटियों की बेटों के ऊपर भारी थी।