बेसहारा हूँ
बेसहारा हूँ
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थाम लो मुझे अभी मैं तुम्हारा हूँ
यही है वक़्त कोई भटका
मुसाफ़िर बेसहारा हूँ
बीच मझधार में हूं जैसे
नैनों की मोती कि माया हूं
तो क्या हुआ जो मैं इस बुरे वक़्त का मारा हूँ
अभी नदियां की एक जलधार से हारा हूं
थाम लूँगा तुम्हें अभी एक सूखा किनारा हूँ।