बेमेल प्रीत
बेमेल प्रीत
ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये !
तुम हल्की-फुल्की जैसे कुरमुरा,
मैं एक फुला हुआ सा भटुरा,
ना मुझमें चरकी ना ही स्वाद,
फिर कैसे बनेगी ये भेल प्रिये !
ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये !
तुम फलों की रानी स्ट्रॉबेरी,
मैं नाचीज़ सा सस्ता फल,
ना मुझ में रस, ना ही रूप रंग,
क्या किसी को भाया है बेल प्रिये !
ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये !
तुम रसवंती हो बेस्ट कॉकटेल तुम,
तुम में जूस और मदीरा का संगम,
ना मुझ में नशा ना ही मदहोशी,
जैसे कोई फैटी-सा हो तेल प्रिये !
ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये !
मैं जैसे इंजन का एक डिब्बा,
तुम आधुनिक-सी एक मोनोरेल,
ना मुझमें गति ना ही सुविधा,
जैसे बिन पटरी की हो रेल प्रिये !
ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये !
तुम फूलों में पली, नाज़ों से बढ़ी,
मैं भूला भटका, बैरागी सा एक कवि,
ना मुझ में सौंदर्य, ना ही ऐश्वर्य,
क्या ये कष्ट पाओगी झेल प्रिये !
ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये !