बेखबर बेफ़िक्र
बेखबर बेफ़िक्र
बेखबर बेफ़िक्र,
वो जिसे मेरी है,
ना कोई खबर,
ख़्वाब अधूरे है,
ना जाने है कहाँ.?
ख़याल में उसके,
जिसे नही है कोई,
मेरी कभी खबर,
ख़ामोश लफ्ज़,
उसके मेरे बिखरे
ना जाने है कहाँ.?
बेखयाल बेफ़िक्र,
जिसे नही है मेरी,
कोई कही खबर,
किया ज़िक्र अब,
उसका उसी से,
मेरे बिखरे लफ्ज़,
ना जाने है कहाँ.?
अधूरा ही सही,
अकेला ही सही,
कब कहा कोई,
ख़्वाब में वो मेरे,
जिसे मेरी फ़िक्र,
ना जाने है कहाँ.?