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Ranjeeta Dhyani

Tragedy

4  

Ranjeeta Dhyani

Tragedy

बढ़ती मंहगाई

बढ़ती मंहगाई

1 min
290


प्रगतिशील युग में

ज़माना बदल रहा है

दुनिया बदल रही है

तकनीक सुधर रही है


प्रतीक बदल रहा है

आधुनिकता की चकाचौंध में

आज इंसान भी बदल रहा है

मगर महंगाई की मार से बेबस

गरीबी का दामन दहक रहा है


राशन, पानी सब महंगा है

कपड़े पहने भी नंगा है

पाना चाहता है अच्छी ज़िंदगी

लेकिन हालातों से उसका दंगा है


बड़े - बड़े धन्ना सेठों से

बाज़ार यूं भरा पड़ा है

जिनके डंडों की मार से

निर्धन आदमी मरा पड़ा है

बढ़ती मंहगाई के कारण


कुपोषण बढ़ता जा रहा है

बड़ी - बड़ी बीमारियों से, यूं

अस्पताल भरता जा रहा है

साल - दर - साल हर वस्तु का


मूल्य शिखर पर पहुंच रहा है

संग में बेकारी से जूझता व्यक्ति

हर पल दरिया में डूब रहा है...

अब तक कितनी सरकारें बदली


ना जाने कितने नेता बदल गए

महंगाई पर ना हुआ नियंत्रण

जनता के दिल यूं दहल गए...।


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