बड़ी उलझन है
बड़ी उलझन है
ऐसे दिन ना जाने फिर कब आएगे
जाने कब हम फिर मिल पायेगे
कैसे कटेगी यह जिंदगी मेरी
ख्याल तेरे पल पल रुलाएगे
फिर भी एक आस है इस दिल में
कभी ना कभी तो मिल ही जाएँगे
जो लम्हे काटे थे साथ तेरे
बस बही है आज पास मेरे
किस को अब हंस हंस कर हम
दिल के जख्म दिख्लायेगे
क्यों फिर भी यकीन कर रखा है
बीते दिन फिर लौट कर आएँगे
खुला रुखा है दिल का दरबाजा
ये दोस्त दुश्मन बन के ही आजा
यु ही गर हालत रही हमारी तो
तडफ तडफ कर के मर जायेगे
कहाँ मिलेगे चेहरे ऐसे फिर से
मुझे देख कर जो मुस्करेगे
नींद नहीं है आँखों में मेरी
हर लम्हा है बस तलाश तेरी
दिल से बुला कर तो देख एक बार
हम दौड़े दौड़े चले आयेगे
तेरे बिना किस के साथ हम
कसमे जीने मरने की खाएँगे।