बचपना...
बचपना...
यूँ दिल जब भी
बचपना करता है,
तो एकाएक
मेरे मन में
अपने बचपन की
यादें ताज़ा हो जाती हैं...!
ये दिल बचपना करता है...
और मैं भी अपने दिल की सुनता हूँ...
इस दुनिया की
सारी दौलत एक तरफ
और मेरा सुनहरा बचपन
एक तरफ...
मेरा खोया हुआ बचपन
बस मेरे दिल की
हर धड़कन में बसा है...!!!
मैं अपने बचपन की
बेशक़ीमती यादों में
अपना ठिकाना ढूंढता फिरता हूँ...
