वंदना हे ! वीणा पाणि माँ शार
वंदना हे ! वीणा पाणि माँ शार
हे ! वीणा पाणि माँ शारदे
बेबस अबला लाचार की पुकार सुन ले
भटक गया हूँ राह अपनी
तू हमें नयी राह दिखा दे
हमारे मन में जो पनप रहें हैं ईर्ष्या
उसे खत्म करके तू, प्रेम का पुंज भर दे
अंधकार रुपी जीवन को
तू प्रकाशमान कर दे
हे ! वीणा पाणि माँ शारदे
कभी किसी के साथ करूं न पक्ष- पात
हमें नीर क्षीर का दर्शन और ज्ञान दे
हरदम अडिग रहूँ सत्य पर
ऐसा तुम हमें बुद्धि और विवेक दे
हमारे समाज में जो फैली हैं कुरीतियाँ
उसे तू सद्भावना में तबदील कर दे
हे ! वीणा पाणि माँ शारदे