ठेले वाले भैय्या
ठेले वाले भैय्या
कलाई अपने भैय्या की हमारे काम न आई
वह तो था कोई शख्स अलग जिसने थी
हमारी इज्जत बचाई
सड़क किनारे रहते थे भैय्या
रोज लगाते ठेला अपना
हम भी रोज उनके पास चाट पकौड़ी खाते
एक बार ऐसा दिन आया
जिस दिन आकाश में था बादल छाया
हम चले थे हंसते हुए बिना बात के नाचते हुए
अचानक एक बाइक आ रुकी
हमारी तरफ हाथ बढ़ाई
हमने जोर से आवाज लगाई
ठेले वाले भैय्या ने अपनी दुकान छोड़ दौड़ लगाई
जैसे तैसे गुंडा भागा और हमारी जान बच गई
पांच दिन में राखी आई
हमने राखी ठेले वाले भैय्या को भी बांधी
भैय्या ने हमें आशीर्वाद दी
और अपनी छोटी बहना बना ली।
