अजूबा
अजूबा
ऐ जिंदगी मुझसे नाराज
होकर के क्या मिलेगा
मुस्कुराना और हर बुरी बात
हँस के टाल जाना
मिरी आदतों में शामिल है
गर्दिशों का पाला हूँ
गर्दिशों का ही बाशिंदा हूँ
सुख दुःख को मैं इक
तराजू में ही नापता हूँ
धूप से न मुझको
शिकायत हुई कभी
छाँव से भी मुझको
न मोहब्बत हुई कभी
प्यार करता हूँ सबसे
प्यार करता हूँ सबसे
बस एक यही रिश्ता
मैं दिल का, पहचानता हूँ
ऐ जिंदगी मुझसे नाराज
होकर के क्या मिलेगा
मुस्कुराना और हर बुरी बात
हँस के टाल जाना
मिरी आदतों में शामिल है
