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dolly shwet

Children Drama

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dolly shwet

Children Drama

बचपन

बचपन

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गुड्डे गुड़ियों की थी वह दुनिया

मेरा बचपन था खुशियों की पुड़िया।

कोई चिंता ना फिकर

खेलों से भरी थी हर गलियाँ।


कंप्यूटर का ना था जमाना

छुपन छुपाई लंगड़ी टाँग थी

मस्ती का खजाना।


छुट्टियों का मतलब होता मस्ती

चित्रहार व संडे मूवी में

लगाते थे टकटकी।


पढ़ते-लिखते पिकनिक करते

टीचरों के कार्ड

हर बार बनाते फिरते।


परीक्षाओं का डर था समाया

पर जो भी रिजल्ट आता उसमें

सारा घर खुशी से भर जाता।


दादा दादी सुनाते थे कहानियाँ

मेरा बचपन

खुशियों की दुनिया।।


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