बचपन
बचपन
मम्मी हमको यूं ना सताओ ,
हर बात पे यूं ना आंख दिखाओ ।
छोड़ दो तुम खेलना अब ,
बिन पूछे कुछ नहीं खाना अब
बैग तुम्हारा बिखरा पड़ा है ,
अलमारी में कचरा भरा पड़ा है ।
बिन पूछे बाहर ना जाओ ,
दिया किसी का कुछ ना खाओ ।
नहीं झांको खिड़की से तुम,
बात करो ना किसी अनजान से तुम ।
अभी तुम बच्चे हो , अक्ल के
थोड़े कच्चे हो , बात ना मानो तो
गुस्सा दिखाती , डांट हमें वो खूब पिलाती ,
रंगों को ना करो बर्बाद तुम,
कलम- किताबों का करो कुछ अभ्यास तुम ।
ज्यादा टी. वी. तुम ना देखना ,
आंखों को तुम खराब ना करना ।
जल्दी से अब सो जाओ ,
सुबह को जल्दी ही है उठना ।
स्कूल के लिए देरी ना करना ,
किसी बच्चे से तुम नहीं डरना
क्लास में तुमको फर्स्ट है आना ,
अच्छे से तुम होमवर्क करना ।
नहीं है हम अनजान बच्चे
बस करो अब हमको समझाना ।
मम्मी बस हम को ना और सताना
आ गया हम को सबक पढ़ना - पढ़ाना ।