सद्भावना का त्योहार दीवाली
सद्भावना का त्योहार दीवाली
दीपों का त्योहार दिवाली
पवित्र पावन त्योहार दिवाली,
हर घर हर गली होती रोशन
खुशियों का अंबार दीवाली,
बाज़ारों में है रौनक आई
दुकानों की रंगत फिर लौट आयी ,
उमड़ पड़े हैं लोग खरीदने
बर्तन कपड़े और मिठाई ,
बच्चों के तो मन को भाई
खिलौने, पटाख़े और हवाई ,
घरों में सब लोग हैं व्यस्त
कर रहा हर कोई सफाई,
कई दिनों से चल रही तैयारी
रंग रोगन और लिपाई पुताई,
फूलों की मालाएं बनाकर
कर रहे हैं गृह सजावट,
जगमग जगमग कर रही
लाइटों की लड़ियाँ लटकाईं
चेहरे सबके चमक रहे
खुशियों से सब दमक रहे
धूप दीप की खशबू से
सबके घर महक रहे ,
लक्ष्मी मां के पूजन को
सुंदर पंडाल सज गए
घर आंगन में रंगोली सजाते
भगवान राम को भोग लगाते ,
पटाखे फोड़ कर खुशी मनाते
मिठाइयां बांटते नाचते गाते,
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
मिल जुल कर सब जश्न मनाते,
फैलाती जगत में सदभाव दिवाली
दीपों का त्योहार दीवाली ,
पवित्र पावन त्योहार दीवाली
खुशियों का अंबार दीवाली ।।
