STORYMIRROR

Sujata Khichi

Children

3  

Sujata Khichi

Children

बच्चे मन के सच्चे

बच्चे मन के सच्चे

1 min
155

बच्चे होते हैं मन के सच्चे

अपने हो या पराए

करते ना वो कोई भेद भाव 

जो होते है दिल के पास

और होते है वो हमारे सबसे खास

बच्चों से ही होता है पूरा घर संसार

और बच्चों से ही होता है

विद्यालय का सार

छिपी होती है बच्चों में कई

प्रतिभाएं और हुनर ​​

होती है उनकी कही रेखाएं

हर बच्चा होता है थोड़ा अलग

अलग अंदाज ही उसका

लेता सब का मन मोह

ना ही जानें वो अमीरी और गरीबी

ना जाने जात पात को



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Children