बच्चे मन के सच्चे
बच्चे मन के सच्चे
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बच्चे होते हैं मन के सच्चे
अपने हो या पराए
करते ना वो कोई भेद भाव
जो होते है दिल के पास
और होते है वो हमारे सबसे खास
बच्चों से ही होता है पूरा घर संसार
और बच्चों से ही होता है
विद्यालय का सार
छिपी होती है बच्चों में कई
प्रतिभाएं और हुनर
होती है उनकी कही रेखाएं
हर बच्चा होता है थोड़ा अलग
अलग अंदाज ही उसका
लेता सब का मन मोह
ना ही जानें वो अमीरी और गरीबी
ना जाने जात पात को।