कवि कल्पना
कवि कल्पना
मैं छोटी सी कवि हूँ,
कवि की ही छवि हूँ।
कविता लिखती रहती हूँ,
कहानियां भी रचती हूँ।
अक्षर प्रिय मित्र हैं मेरे,
कलम प्यारी सखी है मेरी।
हर वक्त रखना चाहिए धैर्य,
दिल से करना चाहिए हर कार्य।
आँखों में छवि चित्रों की बनाकर,
नए विषय पर कविता लिखकर।
अच्छी सोच का इस्तेमाल करती हूँ,
अच्छी-अच्छी कविताएँ लिखती हूँ।
मेरी और कविता की यह प्यारी दोस्ती है,
भगवान से यही प्रार्थना -
कि हम दोनों की दोस्ती कभी ना टूटे।