STORYMIRROR

dr vandna Sharma

Drama

5.0  

dr vandna Sharma

Drama

बालकनी, एक ऐसी जगह

बालकनी, एक ऐसी जगह

1 min
7.5K


बालकनी

हर घर में होती है

बालकनी, एक ऐसी जगह

जहाँ से खुलती है विचारो की खिड़की

दिखायी देता है सारा आसमान

मिलते हैं मेरे सपनो को पंख


बतिआने आती है एक नन्ही चिड़िया

दूर पेड़ पर करतब दिखाती नन्ही गिलहरी

एक ऐसी जगह

जहाँ अक्सर आती हैं महिलाएं

अपने केश सँवारने

युवा अपने फोन पर बतियाने

बुजुर्ग अपनी यादों के किस्से सुनाने

बच्चे आते हैं नयी दुनिया को समझने

कुछ सामान बाहर फेंकते है

कुछ अंदर तोड़-फोड़ करते हैं


बालकनी से झांक झांक कर

राहगीरों को आवाज़ लगाते हैं

कभी बंदर -कभी चिड़िया

ज़ोर ज़ोर चिल्लाते हैं

एक ऐसी जगह

जहाँ छिपाते हैं कुछ अपने आंसू

मिटाते हैं कुछ अपनी उदासी

जलाते हैं कुछ अपना क्रोध


जब शांत हो जाता है मन

हल्का सा मुस्काते हैं

और बतियाते हैं

एक कप कॉफी लेकर

बतियाती है उनके साथ

बालकनी...!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama