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Anandbala Sharma

Tragedy

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Anandbala Sharma

Tragedy

बाल मजदूरी

बाल मजदूरी

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'बीबीजी''बीबीजी'

एक आवाज आई

रसोईघर की खिड़की से

झाँक कर देखा

बाहर खड़ा था

सात आठ वर्षीय 

एक लड़का 


मैला कुचैला, दीन हीन

मुख पर कातर भाव 

'बीबीजी'-एक रोटी दे दो

भूख लगी है

पेट पर हाथ फैरते हुए उसने कहा

दो दिनों से कुछ नहीं खाया


सुबह के कार्यों में व्यस्त 

जरा जल्दी में थी

कुछ काम क्यों नहीं करते ?

भीख मांगते हो

शर्म नहीं आती

मैंने अपने चिरपरिचित 

अंदाज़ में कहा


बीबीजी कोई काम नहीं देता

सब दुत्कारते हैं

काम देकर कोई 

सजा नहीं भुगतना चाहता 

मुझे याद आया

बच्चों से कार्य कराने पर है पाबंदी 


असमंजस में पड़ी

सोचने लगी मैं 

क्या करूं,क्या न करूं

अनमने मन से

दो रोटियों पर

थोड़ी सी सब्जी रख 

मैंने उसके हाथों में थमा दी


सचमुच विपदा है भारी 

कैसी है लाचारी 

नौकरी देते हैं तो

छिनता है बचपन 

नहीं देते हैं तो

निवाला छीनते हैं।


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