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Anandbala Sharma

Abstract

4.2  

Anandbala Sharma

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पानी के तीन रंग

पानी के तीन रंग

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ताल हैं, तलैया हैं

कुएँ है, पोखर हैं

झरनों के गीत हैं

नदियों की कलकल है

लहराते सागर हैं


एक भाग धरती है

तीन भाग पानी है

पानी ही पानी है

पानी ही जीवन है

जीवन की कहानी है।


पानी के बिना 

सब कुछ बेमानी है

होंठ है सूखे हुए

न आँखों में पानी है

न फुहार है होली की

न सावन की रिमझिम है


नल हैं, नलकूप हैं

बस नहीं है तो पानी है

पानी है तो जीवन है

जीवन की कहानी है


पानी है तो सृष्टि सारी

पानी है तो पुष्प विटप है

पानी है तो वन्य प्राणी हैं


भगीरथ प्रयत्नों से 

गंगा को बचाना है

पानी को बचाना है

ऊर्जा बचानी है


खुद को बचाना है

धरती बचानी है

व्यर्थ न बहे पानी 

यह चेतना जगानी है


न तेरा है न मेरा है

पानी बस पानी है

पानी ही जीवन है

जीवन की कहानी है।


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