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Anandbala Sharma

Others

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Anandbala Sharma

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सुवधू की तलाश

सुवधू की तलाश

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श्रीमती शर्मा को तलाश थी

अपने होनहार कामकाजी

पुत्र के लिए 

जीवन साथी की

अपने सुसज्जित घर के लिए 

एक सजीव शो पीस की

जो सुन्दर, सुशील, लम्बी,

गौरवर्ण

सुशिक्षित बारोजगार हो

गृहकला में दक्ष

अन्य कलाओं में निपुण

बस कहे हाँ, जी

कभी न कहे ना, जी

सब कुछ सहे

कुछ न कहे

न अहो ,न अहे


 श्रीमती शर्मा स्वयं भी थीं

 सुसंस्कृत, विदूषी, धनाढ्य

 आभिजात्य गुणों से भरपूर

 पचास की होने आई थीं

 चालीस की दिखती थीं

 मिस्टर शर्मा भी बहुत

 दिलचस्प इन्सान थे

 महफिलों की जान थे

 शांति के कायल थे अत:

 गृह विभाग में दखल न देते थे

 

पुत्रवधू की तलाश में

दोनों थे लगे हुए

मित्र, परिचितों, रिश्तेदारों

 किसी को न छोड़ा

 सबसे नाता जोड़ा

 वैवाहिक सम्मेलन

 समाचार पत्र और टीवी

 सबका लिया सहारा

 सुवधू की तलाश में

 रात दिन एक किया

 और एकदिन तलाश हुई पूरी

 आखिर मेहनत रंग लाई

 जैसी थी चाही वैसी कन्या पाई

 भावी वधू में जो भी गुण चाहे थे

 सबके सब उसमें थे

 क्योंकि कन्या गूंगी भी थी।


 

 

 

 





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