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Dimpy Goyal

Inspirational

4.4  

Dimpy Goyal

Inspirational

बाज़ीगर- बात तो तब है

बाज़ीगर- बात तो तब है

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भगवान सहारे तो पानी पे 

पत्थर भी तर जाते हैं 

बात तो तब है , 

चमत्कार कोई 

जो तुम दिखलाओ 


मुक़द्दर की आँधी में तो ,टूटे 

पत्ते भी उड़ पाते हैं 

बात तो तब है 

अपने परों पे 

थोड़ा भी जो उड़ पाओ 


नाकामी का दोष, आसान है

दूसरों पे थोप देना 

बात तो तब है

जीत अपनी को 

दूसरों को जो दे पाओ


औरों की शह पे ,खेले जो 

देखे जुआरी बहुत 

बात तो तब है

खुद के ऊपर 

दाव जो लगा पाओ 


जन्नतों के अरमान रखने में 

कहाँ कुछ ख़ास है 

बात तो तब है

दोज़ख़ों को , राह 

जन्नत की दिखला पाओ 


ईर्ष्या के ताप में जलना और 

जलाने का नहीं फ़ायदा 

बात तो तब है

सहानुभूति की ठंडक 

जो तुम बरसा पाओ


किसी को खींच , नीचे गिरना 

है ये भी कोई कला है

बात तो तब है 

किसी असहाय का, बन सहारा  

ऊँचा जो उठा पाओ 


आग जो अंदर लगी हुई हो 

भस्म करो , ज़रूरी नहीं 

बात तो तब है

मानवता को तुम, कोई राह 

नई दिखला पाओ 


बंटते अमृत को पी कर के , अमरता 

पाने में क्या महानता 

बात तो तब है

जग कल्याण , की सोच में 

हलाहल तुम पी पाओ 


बात तो तब है...

जो मौत ना तुमको, मार पाए.. 

मरणोपरंत भी, हज़ारों बरस 

तक जी पाओ! 



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