मिड लाइफ / 40 का सियापा
मिड लाइफ / 40 का सियापा
खाने में, डॉक्टर की पाबंदी है,
BP में, कभी तेज़ी, कभी मन्दी है,
कमर बात-२ में, अकड़ जाती है,
बालों में सफ़ेदी, नज़र आती है ,
नज़रिया अब, बेहतर हुआ तो,
नज़र ही कमजोर, पड़ गयी है ,
माथे के ऊपर से बालों की,
एक तह, झड़ गयी है,
सारे शारीर से निकल कर,
Sensitivity, दांतों में समा चुकी,
चेहरे पे लकीरें कितनी ,
permanent घर, बना चुकी,
जवानी बीत गयी है कब की ,
और बहुत पास बुढ़ापा है,
चालीस के पार , Mid-Life का,
बस यही सियापा है .. ।।
सुबह की सैर की, शब भर ,
जाग कर के, बाट जोहते हैं,
इसी बहाने , यारों, दोस्तों से,
गप-शप, हाँक लेते हैं,
बीवी के तानों से भी तो,
यह दो घण्टे का, छुटकारा है ,
चाय की चुस्की पे , Politics चर्चा,
सब्ज़ी लाना, routine हमारा है ,
घर में पत्नी से बहस-बाज़ी,
गुथम-गुथी कर,वक्त निकलता है,
Romance से ज़्यादा अब,
रोमांच में ही मन लगता है ,
बीती ज़िन्दगी का biscope मज़ा दे,
और आने वाला future भी,डराता है
चालीस के पार , Mid-Life का,
बस यही सियापा है .. ।।
फ़ुरसत के पलों में, रफ़ी-किशोर,
के नग़मे भी , गुनगुना लेते हैं ,
हाथ में आ जाएँ , तो बच्चों को,
पुराने क़िस्से , सुना देते हैं ,
खुद की तमनाएँ, और family की ,
फ़रमाइशें, balance करते हैं,
Saving और retirement fund,
को ख़र्चों से match, करते हैं,
रिशते निभाने को, मामी-पापा,
रिश्तेदारों को फ़ोन,कर देते हैं,
Early-retirement, गाँव में बसने,
के सपने, अक्सर बुनते रहते हैं ,
डरा-पिट्टा यह serviceman फिर,
रोज़ बैल सा, कोहलू से जुत जाता है
चालीस के पार , Mid-Life का,
बस यही सियापा है .. ।।