STORYMIRROR

Dimpy Goyal

Comedy

3  

Dimpy Goyal

Comedy

पत्नी जी -मैंने क्या कर दिया

पत्नी जी -मैंने क्या कर दिया

1 min
304

सुबह उठ कर , सब blankets की तह लगा दी थी , 

चद्दर bed की, झाड़ के , खींच कर के बिछा दी थी , 

बिना आहट के ही उठा , इसकी नींद नहीं तोड़ी 

Toilet flush की और साबून floor पे नहीं छोड़ी

Geyser off था और bathroom में wiper मार दिया था, 

गीला towel , balcony में सूखने डाल दिया था,

Brush, paste, night suit, bed पे नहीं छोड़े 

खिड़कियों के पर्दे भी बंद थे , खुले तो नहीं छोड़े,

तो फिर किस बात पे बीवी ने तड़का रूप धर लिया,

समझ में नहीं आ रहा , कि अब मैंने क्या कर दिया ।। 


Morning walk के बाद ,shoes बाहर झाड़ दिए थे , 

Milk packets भी उठा के fridge में डाल दिए थे , 

Newspaper पढ़ कर , rack में , जमा दिया था , 

Flower pots, में पानी डाल, सामान हटा दिया था , 

Breakfast बना के , इसकी  चाय भी बना दी, 

बरतनों को sink में रखा , प्याली  तक  उठा दी, 

तो कोप भवन में कैकई बनकर , क्यों आँखों में पानी भर लिया,

समझ में नहीं आ रहा , कि अब मैंने क्या कर दिया ।।


Phone पे हुई इसकी दो घण्टे, की बात , करी थी अनसुनी, 

रावण से ठहाके और मोहल्ले की खबरें , शांत रह सुनी , 

एक बार भी नहीं बोला, चाहे वो दो दिन से नहीं नहायी, 

आटा गूँथा, सब्ज़ी काटी, पर lunch की गुहार नहीं लगायी, 

शाम की चाय बनाई, dinner का इंतज़ाम कर दिया, 

Cricket match छोड़ा, रिमोट,उसके हवाले कर दिया, 

फिर सोने से पहले, यम पाश में , क्यों मुझे धर लिया, 

समझ में नहीं आ रहा , कि अब मैंने, क्या कर दिया ।।


दोनो कमरों में , बच्चों के classes, चल रहें हैं, 

 तभी हम , dinning table से, operate कर रहें हैं , 

सब काम छोड़, घर में पोछा तक लगा दिया, 

Cooker की सिटी को, part of work कह , अपना लिया, 

Video calls में, laptop के कितने angle घुमाए हैं, 

कई बार इसके दिए ताने, मीटिंग minutes में आए हैं, 

फिर गब्बर, बनके, सांभा का  ,बेड़ा गरक क्यों कर दिया 

समझ में नहीं आ रहा , कि अब मैंने, क्या कर दिया ।।


Work from home में work for home कर थक गया ,

इनकी सहेलियों के husband से comparison से पक गया ,

Office walon को लगता है, दिन मज़े में चल रहे हैं ,

किसको कहें office जाने को कितना मचल रहे हैं , 

सत्यानाश तेरा corona, जो यह क़हर कमा डाला, 

पंछी सा husband, शिकारी के जाल में फँसा डाला, 

दुशासन बन बीवी ने , मान , इज़्ज़त सब हर लिया, 

समझ में नहीं आ रहा , कि अब मैंने, क्या कर दिया ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy