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Amar Singh Rai

Abstract Inspirational

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Amar Singh Rai

Abstract Inspirational

बागेश्वर धाम

बागेश्वर धाम

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       (गीत)


कोई कुछ भी कह ले लेकिन,

 हुआ न यूँ ही नाम है।

  जहाँ कृपा बाला जी करते,

   वह बागेश्वर धाम है।।


शोध विषय ये बना हुआ है,

 कैसे लगती है अरजी।

 लाखों की संख्या में कैसे?

  गिने-चुनों पर हो मरजी।

  बता समस्या हल करते हैं,

   लगे एक न दाम।। जहाँ कृपा...


कोई कहता तंत्र-मंत्र है,

 कोई अद्भुत शक्ति कहे।

 कोई नाम कृपा का देता,

  कोई सिद्धि व भक्ति कहे।।

  लोग जानने को हैं उत्सुक,

   कैसे होता काम।। जहाँ कृपा...


टोना और टोटका मिटता,

 भूत- प्रेत बाधाएँ हरते।

 रोज धाम में लोग हजारों,

  आकर के पेशी

करते।।

  बाला जी, सन्यासी बाबा,

   दिलवाते आराम।। जहाँ कृपा...


टीवी चैनल प्रिंट मीडिया,

 बहुतों ने आकर घेरा।

 दुनिया भर के प्रेस रिपोर्टर,

  डाले रहते हैं डेरा।।

  अन्वेषण का विषय आज भी,

   निकला न परिणाम है।। जहाँ कृपा...


सहज रूप मुस्कराकर बोलें,

 बुन्देली भाषा प्यारी।

 देश ही नहीं विदेशों में भी,

  अच्छों की ठठरी बारी।।

  कथा-वार्ता, झाड़-फूँक से,

   करें भला अविराम।। जहाँ कृपा...


निर्धन कन्याओं की शादी,

 यहाँ सैकड़ों की करवाते।

 संत शिरोमणि शिरकत करते,

  नेता आकर शीश झुकाते।

  है अपार बाला जी महिमा,

   जिनके प्रभु जी राम।। जहाँ कृपा...



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