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Keyurika gangwar

Romance

4  

Keyurika gangwar

Romance

बादलों में छिपा कोई टुकड़ा

बादलों में छिपा कोई टुकड़ा

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बादलों में छिपा कोई टुकड़ा चाँद का,

याद आया मुझे कोई मुखड़ा प्यार का।

अभी छिपते, अभी चलते, अभी हँसते

याद आया मुझे कोई मुखड़ा प्यार का।

वो सामने है मेरे, मैं हूँ सामने उनके

कभी जल्दी से देखूँ, कभी देखूँ देर तक।

साफ चाँदनी जैसे हो अम्बर में

वैसा ही मेरे दिल में आ के बस।

दिन न हो तेरे बिन, तेरे बिन न राते हो ।

इस पार से उस पार तक, बस तू ही मेरा साथी हो।

आजा बैठे पास हम, कुछ अपनी कहे, कुछ तेरी सुने।

न मैं बोलूँ न बोलो तुम, आँखों ही आँखों से अपनी बात कहें।

दिल से दिल का हाल कहें, प्यार के गीत कहें।

सोया सारा जग, अब तारों की कहानी कहें,

कुछ कहो मुख से,कुछ हम दिल से कहें।

बीते न रैना, अब बीते न दिवस,

तेरे संग रहना अब तेरे संग जीना 

तेरे ही संग अब स्वर्ग है जाना।

बादल में------।



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