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Dakshal Kumar Vyas

Tragedy

3  

Dakshal Kumar Vyas

Tragedy

बाबू सोना

बाबू सोना

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दिन रात बाबू, सोना, स्वीटी का जाप किया

सुबह से रात तक बाबू ने खाना खाया और क्या किया ये सवाल किया

जब स्वीटी ने शॉपिंग का नाम लिया तब बाबू ने जेब टटोलनी शुरू करी

जो बाबू का एक महीने का खर्चा था वो स्वीटी ने एक दिन में उड़ा दिया

बाबू फ़ोन करे स्वीटी को तब स्वीटी बोली बिजी हूं

पूरा दिन बाबू फ़ोन पकड़े रहा पर फोन न आया 

अगले दिन स्वीटी ने मासूम सा चेहरा बना कर सॉरी बोला और बाबू तो पिगल गया

ऐसा रोज़ चलता रहा कभी रूठना मनाना

कभी मोबाइल रिचार्ज करवाना उधार मांग कर खर्चा करना

जब शादी का वक्त आया ..... बाबू बोला स्वीटी डोली

फिर बाबू स्वीटी के माता पिता ने बात बतलाई

प्यार के इस रिश्ते में नोटो की गांठ लगनी जरूरी है

जरूरी है फिक्स डिपॉजिट होना

बाकी 

जिंदगी भर रोने से अच्छा है दो दिन बाबू सोना सिसक सिसक कर रो ले

प्यार करने से पहले प्रेम की परिभाषा टटोल ले।


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