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Dakshal Kumar Vyas

Inspirational Others

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Dakshal Kumar Vyas

Inspirational Others

आधा

आधा

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छिन्न- भिन्न हुईं संस्कृति , संस्कार कलाएं देश की 

दिमाग़ लग गई युवाओं को विदेश की 

जंग लग गए इन हुनर भरे हाथो में 

कट गए कपड़े पहनावो में 

पसर कर बैठ गई फैक्ट्रियां धुवों की 

चक्का जाम हुआ खेतो का

संस्कृतियां खुद की भूल दूसरों की आधी अपनी 

देश से ज्यादा विदेश प्यारा लगा

लखावा लग बैठा दाल बाटी, कढ़ी खिचड़ी, इडली को

पिज्जा, मेगी, का जाल पसंद आया लोगों को

नींव हिलने लगी परंपरा भुल ने लगे 

देश की अखंडता टूट ने लगी भाईचारा बिखर ने लगा

तिनके तिनके के मोहताज है इस बाढ़ में संस्कृति मेरी 

भूल बैठे गरिमा हमारी।

 


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