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Dakshal Kumar Vyas

Drama Romance Fantasy

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Dakshal Kumar Vyas

Drama Romance Fantasy

बदनाम प्रेम

बदनाम प्रेम

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प्रेम क्या है आज कोई समझ न पाया 

वासना के लिए प्रेम का नाम बदनाम कर दिया 

दो क़दम साथ चलने को हिचकिचाते है

जीवन क्या साथ निभाएंगे 

प्रेम प्रेम का नाम देकर 

साला टाइम पास कर रहे

शरीर को महत्व दे बैठे

मन सभी का मेला है

बात बात में ब्रेक अप साथ साथ पैचअप

और न समझ आए तो जीवन से पैकअप

ये अनोखा प्रेम इन्हें किसने सिखलाया 

दिन में भैया रात में सैंया ये कहां का इश्क है

हाथ से हाथ और आंख से आंख तो मिला ली

पर देह का मिलन नहीं कर पाओगे 

तू नहीं तेरे जैसे हज़ार मिल जाएंगे 

निकम्मा इश्क करने चले है या चप्पल खरीदने

ये नहीं बैठा तो दूसरा चला लेंगे।



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