Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Onika Setia

Tragedy Inspirational

4.7  

Onika Setia

Tragedy Inspirational

औलाद या जानी दुश्मन

औलाद या जानी दुश्मन

1 min
599


बाप बाप के बरसों के प्यार को ,

भुला दिया चार दिन के प्यार ने ।

कैसा है यह नृशंस प्यार ,लानत है,

मां बाप के खून से लगे हाथ रंगने।


दीवानगी की हद देखो कहां ले आई,

के मां बाप ही लगने लगे बेगाने ।

उनकी शिक्षा दीक्षा बेमानी लगे अब,

उनकी अवहेलना लगे वो करने ।


जिन्होंने सारी दुनिया देखी ,

और इसकी फितरत भी देखी ।

अपनी संतान का भला बुरा ,

उनसे जायदा कौन पहचाने !


मां बाप संतान के दुश्मन नहीं ,

वो संतान को भी भली भांति जानते है।

उम्र के इस दौर को भी बखूबी जानते है ।

मगर उनका अनुभव यह नई नस्ल न माने ।


अपरिपक्व ये प्रेम प्रेम नहीं होता ,

बाली उम्र की भावनाओं का उद्वेग होता है।

मात्र क्षणिक आवेग है ये ,

इसके आलावा कुछ नही होता।

इसी उम्र में तो कदम लगते है बहकने ।


प्रेम खो गया तो दुबारा मिल जाएगा,

सच्चा प्रेम करने वाले मां बाप नही मिलेंगे।

उन्होंने किया संतान से निस्वार्थ प्रेम ,

बाकी तो जहां में खुदगर्ज ही मिलेंगे ।

बेहतर होगा इस हकीकत को जरूर पहचाने।


जवानी के जोश में अपने होश खोकर ,

अक्सर जघन्य अपराध कर बैठते हैं।

प्रेमिका और उसके अभिभावक ना माने तो ,

उनकी हत्या तक कर देते हैं।

बल्कि संतान स्वयं यह पाप लगती है करने।


बहुत दुख और पीड़ा महसूस होती है ,

आज की नई पीढ़ी को देखकर ।

भगवान ! इन्हें सद्बुद्धि दो,

आ जाए शीघ्र इंसानियत की राह पर ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy