तेरी यादों की बारिश
तेरी यादों की बारिश
झूमकर आया है फिर सावन ,
फिर आई तेरी यादों की बारिश ।
उफ़ कितनी उमस और घुटन है ,
मिट जाए सब जब बरसे बारिश ।
जीवन में छाए नई ताजगी ,उमंग ,
जब मेरे आंगन पधारे प्यारी बारिश ।
वही मिट्टी की सोंधी सोंधी खुशबू ,
वही हरियाली लेकर आ गई बारिश ।
पशु पक्षी, नर नारी और समस्त जीव ,
उल्लासित हुए देखकर मनभावनी बारिश।
हर तरफ आनंद ही आनंद है मगर ,
एक कसक / दर्द भी देती है बारिश ।
एक विरह की मारी ,तेरे दरस की प्यासी ,
रूह को नहीं सुहाती यह बैरन बारिश ।
कान्हा! जब से तुम चले गए परदेश ,
हमारे आंसुओं के संग बरसती है बारिश ।