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Onika Setia

Abstract Classics Inspirational

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Onika Setia

Abstract Classics Inspirational

तेरी यादों का बरसता सावन

तेरी यादों का बरसता सावन

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लो! फिर आया तेरी यादों का,

बरसता सावन।

बूंदों से प्यारे तेरे सुहाने गीतों से,

महक उठा दिल का आंगन।


गरजती बरसती घनघोर घटाओं,

के चिलमन से झलकती दामिनी की चितवन।

लहलहाती प्रकृति की प्रसन्नता,

और धरती का उल्लास गान।


बहुत अच्छा तो लगता है,

जब भी आता है यह सावन।

मगर सावन में एक कसक से तब

विचलित सा हो जाता है मन।

जब ज़हन के आसमान पर,

नजर आता है तेरा आनन।


तेरी मधुर आवाज और तेरा सलोना रूप,

तेरी मधुर,निश्चल मुस्कान।

क्या कहूं बहुत याद आते हो तुम ए रफी !

जब भी बरसता है तेरी यादों का सावन।


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