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Rajit ram Ranjan

Romance

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Rajit ram Ranjan

Romance

अश्क़ उसकी आँखों को भिगोते होंगे

अश्क़ उसकी आँखों को भिगोते होंगे

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अपनी जिद के आगे 

मैंने उसकी 

एक भी नहीं 

सुनी, 

ये भी नहीं सोचा कि 

उसको भी 

तकलीफ हुई 

होंगी, 

और छोड़कर 

चल दिया, 

तनहा उसे।


अश्क़ 

उसकी आँखों को 

भिगोते होंगे, 

हमें याद करके 

वे रोते होंगे, 

आज पता चल 

रहा है, 

जब दिन 

बिन उनके तनहा 

गुजारना पड़ 

रहा है। 


अब नहीं रहूँगा 

बिन उनके, 

मेरी बात टालेंगे 

नहीं, 

जाके मना लूँगा उन्हें, 

नहीं माने तो 

कदमों में 

सिर झुका लूँगा, 

गिड़गिड़ा लूँगा, 

वे आज भी 

मुझे दिल से 

चाहते हैं, 

माफ कर देंगे मुझे 

सीने से 

लगा लेंगे, 

मेरी हर भूल को 

वो भुला देंगे!


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