JAYANTA TOPADAR

Drama Tragedy Inspirational

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JAYANTA TOPADAR

Drama Tragedy Inspirational

अपने षष्ठ इंद्रियों को जाग्रतावस्था में लाएँ...

अपने षष्ठ इंद्रियों को जाग्रतावस्था में लाएँ...

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सुनी सुनाई बातों पर

यूँ ही अंधा विश्वास करने की

भूल कतई न करें...

वरना आप 'अपने' संदेह के वशीभूत

अपने सहकर्मियों से सुसंगठित एवं सुसंस्कृत तौर पर कर्म करने में

विफलताओं एवं विषमताओं का

सामना करेंगे...

और आगंतुक समय में

अपने कर्मपथ में सही रूप में

अग्रसर होने में असफल ही होंगे...


आप सावधान हो जाएं...! संदेह का कीड़ा

होता तो बहुत ही नगण्य, मगर 

जब वो किसी को काटता है, तो इंसानियत का समूल विनाश होता है...!


क्योंकि एक गलत सोच, एक गलत विचार,

एक गलत बात, एक गलत विचार

आदमी को आफत-का-पुतला बना देता है!

इसलिए आपसे इल्तिज़ा है

अफवाहों से किसी भी सूरत-ए-हाल में

विचलित न हों...

और अपने आत्मविश्वास को

कभी डगमगाने न दें...!

संभव हो, तो अफवाह फैलाने वालों से

सदैव सुरक्षित दूरी बनाए रखें...

वरना आप एक बवंडरों के बीच

गोते खाते फिरेंगे...


अगर अपने कर्मों द्वारा

अपना परिचय

बनाने की दिली ख्वाहिश रखते हैं, 

तो अपनी अर्धसुप्तावस्था से

परे हटकर

अपने षष्ठ इंद्रियों को

शीघ्रातिशीघ्र पुनः

जाग्रतावस्था में लाएँ...!!!

अफवाहों की विषैले डंक से

अपने सार्थक जीवन को

निरर्थक न बना डालेंं...


अपनी आत्मशांति बढ़ाएँ...

सदैव सत्य की ओर नज़र डालें...

क्योंकि ये ज़िंदगी

महज़ अफवाहों और इल्ज़ामात पे

टिकी नहीं रह सकतीं,

हमें बेशक़ अपने

आत्मविश्वास की नींव

बहुत मजबूत करने की

ज़रूरत है,

वरना 'एकनिष्ठ' भाव से

'भातृत्व बोध' द्वारा

इस मानव-निर्माण एवं

राष्ट्र-पुनरुत्थान के 'यज्ञकूण्ड' में

अपना सर्वस्व न्यौछावर करने की 

अदम्य चाह को कभी साकार होते

नहीं देख पाएंगे...!!!


अब आखिर, निर्णय

आप ही को लेना है -

क्या आप अफवाहों के पीछे ही

अंधाधुंध भागते फिरेंगे

या

अपनी उपस्थित-बुद्धि एवं

ईमानदारी से

'सत्यान्वेषण' को तवज्जोह देंगे???


ये तो सर्वविदित है कि

इल्ज़ामात-पे-इल्ज़ामात 

कभी किसी सही फैसले का

मुख्य द्वार नहीं खोल सकता,

वो तो बस वक्त की हेराफेरी है...

वक्त हथेलियों से बालुकण-सा 

फिसलकर निकल जाएगा,

लोग बदल जाएंगे...

ऐसी अंधी दौड़ के चलते

लोग अपना 'मक़सद' भूल जाएंगे...

अपनी सही मंज़िल से

कोसों दूर होते चले जाएंगे...


अब आप ही बताइए

कि आप क्या पसंद करते हैं --

अर्धसुप्तावस्था या जाग्रतावस्था ???



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