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संजय असवाल "नूतन"

Romance

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संजय असवाल "नूतन"

Romance

अपने अपने रास्ते

अपने अपने रास्ते

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चलो, 

जब सुलह 

संभव नहीं

हम दोनों में,

तो रास्ते बदल लेते हैं, 

तुम अपने रास्ते,

मैं अपने,

पर जाते जाते एक दरख़्वास्त है तुमसे,

चाहे इसे आखिरी ही समझना, 

अपने दिल पर 

बोझ लिए यहां से,

ना जाना तुम,

मेरे साथ बिताए

हर खूबसूरत

लम्हों को, 

दिल की किताब में, 

संजों के रखना तुम,

और,

जब भी याद आए मेरी अगर,

तो गहरी सांस भर के

मन ही मन,

थोड़ा मुस्करा लेना, 

तेरे दिल की 

हर मुस्कराहट को

मैं अपनी धड़कन 

में महसूस करुंगा 

जहां भी मैं,

रहूंगा।


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